वैदिक गणित के क्या फायदें है( What are the advantages of Vedic Maths)
आज के आधुनिक युग में सभी वैदिक गणित पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए अक्सर लोग एक सवाल पुछते हैं कि :-
वैदिक गणित के क्या फायदें है( What are the advantages of Vedic Maths) तथा वैदिक गणित का क्या है? (What is Vedic Maths?)
“वीरभोग्या वसुंधरा” प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण धरती वीरों, ज्ञानियों, तपस्वियों की अथक साधना का परिणाम है अतः यह उन्हीं की है जो अपनी आवश्यकता के अनुसार धरती से उपहार प्राप्त करते हैं तथा इसका प्रयोग देश एवं समाज के उत्थान में करते हैं। प्रकृति द्वारा इसी तरह एक अद्भुत उपहार “वैदिक गणित” के रुप में दिया गया जिसका श्रेय गोवर्धन पीठ, पूरी के 143 वें शंकराचार्य जगत गुरु स्वामी भारती कृष्ण तीर्थ जी महाराज को जाता है जिन्होंने वर्षों की तपस्या तथा वेद-पुराण के आत्मसात का परिणाम है। वैसे तो वैदिक गणित के अनेकों फायदे हैं परन्तु मैं अपनी क्षमता के अनुसार रखने का प्रयास कर रहा हूँ जो निम्नलिखित हैं :-
(१) यह एक प्राचीन भारतीय पद्धति है
(२) इसमें विकल्पों की अधिकता है
(३) यह एक मनोरंजक विधि है
(४) इसमें समय की बचत होती है
(५) इसके सहारे संसाधन की बचत होती है
(६) पर्यावरण की रक्षा होती है
(७) इसमें व्यक्ति का सर्वांगीण विकास होता है
(8) प्रतियोगी परीक्षाओं में वैदिक गणित के प्रयोग
अब हम वैदिक गणित के सभी फायदों को विस्तार से चर्चा करते हैं –
(१) यह एक प्राचीन भारतीय पद्धति है :-
वैदिक गणित प्राचीन भारतीय पद्धति होने के कारण यह लोगों को स्वभाविक रूप से अपनी ओर आकृष्ट करता है तथा इसके साथ अपनापन का सृजन करता है जिससे कि वैदिक गणित के जिज्ञासुओं के लिए इसके साथ उत्तम सामंजस्य बिठाना सरल हो जाता है।
(२) इसमें विकल्पों की अधिकता है :-
वैदिक गणित में विकल्प की अधिकता होने के कारण यदि कोई बच्चा एक विधि को नहीं समझ पाता तो वह अन्य विधियों के सहारे किसी भी सवाल को हल कर सकता है अतः वैदिक गणित ज्यादा फायदेमंद होता है। एक उदाहरण से इसे समझने का प्रयास करते हैं, आधुनिक गणित में जहां गुणन प्रक्रिया को हल करने के लिए हम एक ही विधि गोमूत्र का विधि से हल करते हैं, वहीं दूसरी तरफ वैदिक गणित में इसके लिए अनेक विधियां दी गई है जैसे कि उर्ध्व तिर्यक विधि, निखिलं विधि तथा विचलन विधि। इन विकल्पों के साथ बच्चे सरलता से गुणनफल ज्ञात कर लेते हैं
(३) यह एक मनोरंजक विधि है :-
वैदिक गणित की बहुविकल्पिय प्रणाली तथा कम से कम समय में हल हो सकने की क्षमता इसे मनोरंजक बना देती है इस विधि में बच्चे को उबाऊ विधि तथा समय की कमी से जूझना नहीं पड़ता है।
(४) इसमें समय की बचत तथा मौखिक उत्तर :-
वैदिक गणित का सबसे महत्वपूर्ण फायदा यह है कि इन विधियों में समय की बचत होती है तथा उत्तर मौखिक रूप दी जा सकती है जहां एक तरफ सामान्य विधि से किसी भी सवाल को हल करने में 5 से 10 मिनट का समय लगता है वही वैदिक गणित के विधि से किसी भी सवाल को 15से 20 सेकंड में इसके उत्तर तक पहुंचा जा सकता है तथा कुछ अभ्यास के बाद ही मौखिक उत्तर देने की क्षमता विकसित हो जाती है।
(५) इसके सहारे संसाधन की बचत होती है :-
आज के युग में इच्छाएँ अनंत है तथा संसाधन सीमित है, इन सीमित संसाधनों में हमें अपनी अधिकतम आवश्यकताओं की पूर्ति करनी होती है। इन परिस्थितियों में संसाधनों की बचत करना अति आवश्यक है जब हम बड़े बड़े सवाल हल करते हैं तो हमें ज्यादा कागज या ज्यादा कलम की आवश्यकता होती है परन्तु वैदिक गणितीय विधि का प्रयोग करके हम उन संसाधनों जैसे समय, कागज, स्याही तथा उद्धम की बचत करते हैं। जिससे कि हमें हमें हमारे संसाधनों की रक्षा भी होती है।
(६) पर्यावरण की रक्षा होती है :-
आज विश्व पर्यावरण की रक्षा सबसे बड़ी चुनौती है यदि हम कागज की बचत तथा स्याही करते हैं तो पर्यावरण की भी रक्षा करते हैं क्योंकि प्रत्येक कागज बनाने के लिए पेड़ को काटा जाता है। इस तरह जब हम कागज की बचत करते हैं तो कई पेड़ों की रक्षा कर देते हैं जो कहीं न कहीं पर्यावरण सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। अतः वैदिक गणित का प्रयोग करके एक तरह से पर्यावरण की रक्षा भी करते हैं।
(७) इसमें व्यक्ति का सर्वांगीण विकास होता है :-
वैदिक गणित का सबसे महत्वपूर्ण फायदा यह है कि यह बच्चे का सर्वांगीण विकास करता सभी का हल सिर्फ दांये से बांये ही कर सकते हैं जिससे हमारे दिमाग के दोनों पक्षों का विकास समान रुप से नहीं हो पाता है। परन्तु वैदिक गणित के माध्यम से आप जोड़, घटाव, गुणा तथा विभाजन प्रक्रिया को दांये से बांये या बांये से दांये दोनों पद्धति से कर सकते हैं जो हमारे दिमाग को अपेक्षाकृत ज्यादा संतुलित तथा विकसित बनाता है। इस तरह वैदिक गणित हमारे सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होता है।
(8) प्रतियोगी परीक्षाओं में वैदिक गणित के प्रयोग :-
प्रतियोगी परीक्षाओं में किसी प्रतियोगी को कम-से-कम समय में तीब्रता तथा शुद्धता के साथ अधिक-से-अधिक प्रश्नों के उत्तर देने होते हैं इसके लिए कई प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले छोटे ट्रीक्स के नाम पर वैदिक गणित के सूत्रों का ही प्रयोग करते हैं परन्तु जानकारी के अभाव या कई अन्य कारणों से वैदिक गणित का नाम छात्रों को नहीं बताते। आशय यह है कि वैदिक गणित प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए पूरी के 143वें जगद्गुरु स्वामी भारतीकृष्णतीर्थ जी महाराज द्वारा रचित वैदिक गणित के 16 सूत्र तथा 13 उपसूत्र वरदान है जो सभी के लिए उपयोगी है।
यूं तो वैदिक गणित के अनेकों फायदें हैं परन्तु उपरोक्त फायदों से यह स्पष्ट होता है कि वैदिक व्यक्ति के संपूर्ण व्यक्तित्व पर साकारात्मक प्रभाव डालता है जोकि उसे जीवन में आगे बढ़ने में सहायक सिद्ध होता है।
वैदिक गणित के क्या फायदें है? What are the advantages of Vedic Maths?
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