Story Of Geometric Progression

Story Of Geometric Progression (गणितीय कहानी गुणोत्तर श्रेणी) 

गणितीय कहानी – गुणोत्तर श्रेणी (G.P.)

शतरंज का आविष्कार निश्चित रूप से भारत में हुआ था। इसके लिए संस्कृत में चतुरंग शब्द है; क्योंकि इसमें चारो ओर किसी भी पंक्ति में 8 – 8 वर्गाकार खाने होते हैं। इस प्रकार इसमें कुल 8² अथवा 64 खाने होते हैं। इसका फारसी रुपांतरण शतरंज हुआ है।
ऐसा कहा जाता है कि प्राचीन काल में एक भारतीय गणितज्ञ जो कि शतरंज के खेल में भी अत्यधिक कुशल था फारस आधुनिक ईरान में गया तथा अपने खेल को दिखाया। वहां का राजा इस खेल से इतना प्रसन्न हुआ कि यथेच्छ रुप से कुछ भी मांग लेने को कहा।
वह गणितज्ञ खिलाड़ी शतरंज के पहले खाने के लिए 1 दाना, दूसरे के लिए 2, तीसरे के लिए 4, चौथे के लिए 8, इस प्रकार द्विगुणोत्तर क्रम से शतरंज के कुल 64 खानों के लिए गेहूं के दानों की मांग की।
राजा ने गणितज्ञ खिलाड़ी के दानों की याचना को “क्षुद्र मांग” समझा तथा अपनी भव्यता की तुलना में इसे अपमानित करने वाला दान माना। फिर भी गणितज्ञ खिलाड़ी के विनम्र प्रार्थना के अनुरूप उसने इतने दाने प्रदान करने के लिए अपने मुनीम को आदेशित कर दिया।
मुनीम भी पहले तो इस क्षुद्र मांग” की विशालता का अन्दाज़ नहीं लगा पाया। बाद में वह समझ सका कि उस गणितज्ञ खिलाड़ी ने यहाँ भी बहुत बड़ा गणितीय खेल खेला है। हिसाब लगाने के पश्चात् उसने राजा को बताया कि महाराज ! यह विशाल दान देना आप जैसे महाराज के भी बस की बात नहीं है।

गुणोत्तर श्रेणी के सूत्र से यह जाना जा सकता है कि गणितज्ञ खिलाड़ी का दान कितना विशाल था —
1 + 2¹ + 2² + 2³ + – – – + 2^(64)
=  {1 (2^(64) – 1)} / (2 – 1)
= 2^(64) – 1

यहाँ 2 की 64वीं घात से आसानी से प्राप्त करने के लिए इसे इस रुप में व्यक्त करते हैं —
= 2¹° × 2¹° × 2¹° × 2¹° × 2¹° × 2¹° × 2⁴
= 1024 × 1024 × 1024 × 1024 × 1024 × 1024 × 16 — 1
= 18446744073709551615

यह संख्या भारतीय संख्या पद्धति की सबसे बड़ी संख्या शंख से भी अधिक है। एक अनुमान के अनुसार दानों की इस विशाल संख्या लगभग 12,000 घन किलोमीटर (km³) स्थान घेरेगी ! इससे समूचे फारस देश को दानों की 7 से.मी. मोटी परत से ढ़का जा सकता है !!!

Story Of Geometric Progression (गणितीय कहानी गुणोत्तर श्रेणी) 

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