Multiplication by STHAN KHANDAN METHOD

Multiplication by STHAN KHANDAN METHOD (स्थान खण्डन विधि के द्वारा गुणन)

स्थान खण्ड विधि के द्वारा गुणन Multiplication by STHAN KHANDAN METHOD एक प्राचीन प्रक्रिया है जो भारत के महान गणितज्ञ ब्रह्मगुप्त (598 ई. – 668 ई.) के द्वारा दी गई है। इस विधि में गुणक (multiplier) तथा गुण्य (multiplicant) का गुणनफल (product) प्राप्त करने के लिए गुणक को दो या दो से अधिक खण्डों में विभाजित किया जाता है।
गुणक को खण्ड करने की दो विधियाँ है :-


प्रथम :- संकलन /व्यवकलन खण्डन विधि

संकलन /व्यवकलन खण्डन विधि के द्वारा गुणक को दो या दो से अधिक खण्डों में विभाजित कर विभिन्न खण्डों को संकलन /व्यवकलन के सरलतम रुप में लिखा जाता है उसके बाद उसे गुण्य से गुणा कर गुणनफल प्राप्त किया जाता है तत्पश्चात प्राप्त गुणनफलों को संकलन अथवा व्यवकलन द्वारा अभीष्ट परिणाम प्राप्त किया जाता है।
उदाहरण :- 1
12 × 456
उपरोक्त उदाहरण में गुणक 12 का संकलन खण्डन (10 + 2) होगा जिसे 456 से गुणा करने के लिए हम इस प्रकार लिख सकते हैं —
सर्वप्रथम हम 456 को 10 से गुणा कर गुणनफल 4560 प्राप्त करेंगे तथा पुनः 456 को 2 से गुणा कर गुणनफल 912 प्राप्त करेंगे तत्पश्चात 4560तथा 912 का संकलन करने पर 5472 प्राप्त होगा जो दिये गये संख्याओं 12 तथा 456 का गुणनफल होगा।
(10 + 2) × 456 = 456 × 10 + 456 × 2
4560 + 912
5472
उदाहरण :- 2
48 × 1236
उपरोक्त उदाहरण में गुणक 48 का व्यवकलन खण्डन (50 – 2) होगा जिसे 1236 गुणा करने पर हम इस प्रकार लिख सकते हैं —
सर्वप्रथम 1236 को 50 से गुणा कर गुणनफल 61800 प्राप्त करेंगे पुनः 1236 को 2 से गुणा कर गुणनफल 2472 प्राप्त करेंगे तत्पश्चात 61800तथा 2472 का व्यवकलन करने पर 59328 प्राप्त होगा जो दिये गये संख्याओं 48 तथा 1236 का गुणनफल होगा।
(50 — 2) × 1236 = (1236 × 50) — (1236 × 2)
61800 — 2472
59328


द्वितीय :- गुणन खण्डन विधि

गुणन खण्डन विधि के द्वारा गुणक को दो या दो से अधिक सुविधाजनक खण्डों में विभाजित कर विभिन्न खण्डों को गुणन के सरलतम रुप में लिखा जाता है उसके बाद उसे गुण्य से किसी एक गुणन खण्ड से गुणा कर गुणनफल प्राप्त किया जाता है तत्पश्चात शेष गुणन खण्डों को गुणा कर  गुणनफल प्राप्त किया जाता है। इस प्रक्रिया से प्राप्त अभीष्ट परिणाम ही संख्याओं का गुणनफल होता है।

उदाहरण :-
48 × 213
उपरोक्त उदाहरण में 48 का गुणन खण्डन (4 × 4 × 3) के रुप में करने के बाद किसी एक गुणन खण्ड से संख्या 213 से गुणा करने के बाद प्राप्त गुणनफल को शेष सभी गुणन खण्डों से गुणा करने से प्राप्त गुणनफल ही संख्याओं का गुणनफल होगा —
सर्वप्रथम 213 को 4 से गुणा करने पर गुणनफल 852 प्राप्त होता है पुनः 852 को 4 से गुणा करने पर गुणनफल 3408 प्राप्त होता है तत्पश्चात 3408को 3 से गुणा करने पर प्राप्त गुणनफल 10224 ही दिये गये संख्याओं का गुणनफल होगा।
48 × 213 = (4 × 4 × 3) × 213
= (213 × 4) × 4 × 3
= (852 × 4) × 3
3408 × 3
10224
उपरोक्त स्थान खण्डन गुणन विधियाँ प्राचीन भारत के महान गणितज्ञों अद्भुत गणितीय ज्ञान का प्रमाण है जो कालांतर में अरब होते हुए युरोपीय देशों (इटली) में पहुँचा। जहाँ इटली के गणितज्ञ लुका  पसिओली (1447 ई. – 1517 ई.) ने इन विधियों में से प्रथम विधि को स्कैपिजो (Scapezzo Method) तथा द्वितीय विधि को मोडो-पर-रेपिगो विधि (Modo-per-Repiego ) के नाम से कार्य किया जो कालांतर में काफी प्रसिद्ध हुआ है।

अभ्यास (Exercise)
(1) 16 × 128
(2) 24 × 124
(3) 48 × 212
(4) 45 × 640
(5) 625 × 24 × 20
(6) 1250 × 34 × 80
(7) 64 × 1250 × 125
(8) 987 × 994
(9) 1012 × 625
(10) 8981 × 10011

Multiplication by STHAN KHANDAN METHOD (स्थान खण्डन विधि के द्वारा गुणन)

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