History of Pi

History of Pi (पाई का इतिहास)  ।। पाई का मान।। वृत के परिधि तथा व्यास के अनुपात को पाई के रूप व्यक्त किया जाता है जिसका स्थूल मान 3 है, परिमेय संख्या के रूप में मान   22 /7 तथा 3.1416 है तथा अपरिमेय संख्या के रूप में (10)^½ है। इसकी ऐतिहासिक यात्रा वैदिक काल से … Read more

Poetic Form of the Sutras of Vedic Ganit

Poetic Form of the Sutras of Vedic Ganit (वैदिक गणित के सूत्र का काव्य रुपांतरण) ।। वैदिक-गणित के सूत्रों का काव्य रुप।।  वैदिक गणित के समस्त सूत्र एवं उसके उपयोग ठीक प्रकार स्मरण रहे इस उद्देश्य से अनुष्टुप छंद में उनकी रचना का यह प्रयास किया गया है —      श्री गणेशाय नमः — … Read more

Encryption Kutankan

Encryption Kutankan (कूटांकन)  अनादि काल से ही मानव अपनी भावनाओं एवं विचारों को संकेतों एवं भाषा के द्वारा अभिव्यक्त करता रहा है। गोपनीय संकेत सम्प्रेषित  करने के लिए विभिन्न शब्दावली का प्रयोग कूट भाषा कहलाती है। देवभाषा संस्कृत तथा मातृभाषा हिन्दी के देवनागरी लिपि से निर्मित शब्दों को अंकों तथा संख्याओं के रूप में व्यक्त … Read more

Nikhilam Method of Multiplication

Nikhilam Method of Multiplication

वैदिक गणित के माध्यम से निखिलम् विधि से गुणा  ( Nikhilam Method of Multiplication )  समझने का प्रयास करेंगे।   जगद्गुरु स्वामी भारती कृष्ण तीर्थ जी महाराज द्वारा रचित वैदिक गणित गुणन प्रक्रिया (nikhilam multiplication) के लिए एक सूत्र निखिलम् है जिसके माध्यम से आधार (base)- 10, 100, 1000, 10000… इत्यादि तथा उपाधार (sub-base) –  … Read more

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