What is the present situation of Vedic Maths in India

What is the present situation of Vedic Maths in India (भारत में वैदिक गणित की वर्तमान स्थिति क्या है)

भारत में वैदिक गणित की वर्तमान स्थिति क्या है? (What is the present situation of Vedic Maths in India?)
संस्कार, संस्कृति, भाषा, भौगोलिक क्षेत्र, परिधान, भोजन इत्यादि के विविधताओं से सम्पन्न ऋषि-मुनियों, मनीषियों, ज्ञानियों-विज्ञानियों एवं तपस्वियों की धरती भारत सदैव ही आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी रहा है। राजनीति शास्त्र, विज्ञान, कला, ज्योतिष एवं गणित आदि विषय हमरे दैनिक जीवन का अंश रहे हैं जिसका प्रयोग समाज के प्रत्येक वर्ग के लोग व्यवहार में किया करते रहे हैं।
वैदिक गणित के अनुसंधानकर्ता पूरी मठ के 143वें शंकराचार्य स्वामी भारतीकृष्णतीर्थ जी महाराज ने जो बहुआयामी वैदिक गणित के 16 सूत्र तथा 13 उपसूत्र की रचना की तथा उसके गणनात्मक अनुप्रयोग दिए वही आज दुनिया में सभी वैदिक गणित प्रेमियों के प्रेरणा का स्रोत है।  वर्तमान में पूरी मठ के 145वें शंकराचार्य स्वामी निश्छलानंद जी महाराज ने भी वैदिक गणित की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए अनेक नये सूत्र का निर्माण किया तथा पहले के सूत्रों का विस्तार से व्याख्या भी किया है। इस क्रम में उन्होंने अनेक पुस्तकों की रचना भी की है।

 

विद्या भारती एक गैर सरकारी संगठनों में से एक है जहाँ वैदिक गणित बीसवीं शताब्दी के 80 – 90 दशक में प्रारंभ होकर आज उसके 30,000 स्कूलों में कक्षा एक से कक्षा बारह तक पढ़ाई जाती है। विद्या भारती द्वारा शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम द्वारा अपने विद्यालय के लिए पुराने शिक्षकों का ज्ञानवर्धन तथा नये शिक्षकों वैदिक गणित के प्रति उत्साहवर्धन किया जाता है इसके लिए समय-समय पर स्थानीय तथा राष्ट्रीय कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जाता है।

 

 

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास दिल्ली के ध्येय वाक्य “देश को बदलना है तो शिक्षा को बदलना होगा” के अंतर्गत शिक्षा बचाव आंदोलन के प्रेरणास्रोत आदरणीय दीनानाथ बत्रा जी, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के वर्तमान राष्ट्रीय सचिव माननीय अतुल भाई कोठारी जी, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के वैदिक गणित विषय के राष्ट्रीय संयोजक डॉ कैलाश विश्वकर्मा जी (उत्तर प्रदेश) , शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के दिल्ली प्रांत सह-संयोजक अनिल कुमार ठाकुर(दिल्ली) , श्री राम चौथाई वाले, श्री राकेश भाटिया (हरियाणा), श्री सीतारामा राव (तेलंगाना), श्री बच्चु भाई रावल (गुजरात), प्रो. दिलिप ग्वेटांडिकर (नासिक), पी. देवराज (केरला), माया जी (नागपुर) इत्यादि अनेक विभुतियो के अथक प्रयास के फलस्वरूप वैदिक गणित तथा संबंधित विषयों पर विद्यालयों , महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों में लगभग हजारों कार्यशालाओं का आयोजन कर वैदिक गणित को पुनः प्रतिष्ठित करने का प्रयास किया जा रहा है। इस प्रयास में वैदिक गणित के कक्षा एक से कक्षा बारह तक पाठ्यक्रम के साथ-साथ प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम तथा डिप्लोमा पाठ्यक्रम देश अनेक विश्वविद्यालयों में चलाए जा रहे हैं तथा आगामी योजना में पी. जी. डिप्लोमा तथा शोध स्तर के पाठ्यक्रम शुरू करने की योजना को लक्ष्य के साथ बढ़ रही है।

 

इन सभी बड़े प्रयासों के साथ-साथ कुछ छोटे प्रयास भी अन्य सरकारी, गैरसरकारी, सोशल मीडिया एवं प्रिंट मीडिया के द्वारा वैदिक गणित के प्रचार प्रसार तथा शिक्षण में अद्भुत सहयोग दिया जा रहा है।
मानस-गणित का योगदान

www.manasganit.com , www.manasganit.in, मानस-गणित फेसबुक पेज, मानस गणित ट्विटर, मानस गणित यू ट्यूब, मानस गणित इंस्टाग्राम, मानस गणित टेलिग्राम चैनल, मानस गणित पीइंट्रेस्ट, मानस गणित ब्लॉग इत्यादि की सहायता से वैदिक गणित के प्रचार-प्रसार को युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है।
परिश्रम की पराकाष्ठा से हर कार्य की सिद्धि स्वयंप्रमाणिक है।

What is the present situation of Vedic Maths in India (भारत में वैदिक गणित की वर्तमान स्थिति क्या है)

 

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