उल्टी गिनती (Reverse Counting ,Back Counting) – सईया निन्यानवे
संख्याओं की गणना काफी महत्वपूर्ण है मुख्य रूप से संख्याओं की उल्टी गिनती (reverse counting ,Back
Counting) जो व्यक्ति के मस्तिष्क का बहुआयामी विकास करने के लिए आवश्यक है। इसका अभ्यास यदि
बाल्यकाल से ही किया जाए तो मस्तिष्क की निर्णय क्षमता विकसित होती है।
संख्या 100 से 1 तक की उल्टी गिनती :-
सईया – निन्यानवे = (100 – 99)
अनठावे – सनतानवे = (98 – 97)
छेयानवे – पंचानवे = (96 – 95)
चौरानवे – तिरानवे = (94 – 93)
बेरानवे – एकानवे = (92 – 91)
नब्बे – नवासी = (90 – 89)
अठासी – सत्तासी = (88 – 87)
छियासी – पिचासी = (86 – 85)
चौरासी – तिरासी = (84 – 83)
बेरासी – एकासी = (82 – 81)
अस्सी – उनासी = (80 – 79)
अट्ठत्तर – सतहत्तर (78 – 77)
छिहत्तर – पिछत्तर = (76 – 75)
चौहत्तर – तिहत्तर = (74 – 73)
बहत्तर – एकहत्तर = (72 – 71)
सत्तर – उनहत्तर = (70 – 69)
अड़सठ – सड़सठ = (68 – 67)
छियासठ – पैंसठ = (66 – 65)
चौंसठ – तिरेसठ = (64 – 63)
बासठ – एकसठ = (62 – 61)
साठ – उनसठ = (60 – 59)
अंठावन – संतावन = (58 – 57)
छप्पन – पचपन = (56 – 55)
चौवन – तिरेपन = (54 – 53)
बावन – इक्यावन = (52 – 51)
पचास – उनचास = (50 – 49)
अड़तालीस – सैंतालीस = (48 – 47)
छियालीस – पैंतालीस = (46 – 45)
चौवालीस – तैतालीस = (44 – 43)
बेयालीस – इकतालीस = (42 – 41)
चालीस – उनचालीस = (40 – 39)
अड़तालीस – सैंतीस = (38 – 37)
छत्तीस – पैंतीस = (36 – 35)
चौतीस – तैतीस = (34 – 33)
बत्तीस – एकत्तीस = (32 – 31)
तीस – उनतीस = (30 – 29)
अठाईस – सताईस = (28 – 27)
छब्बीस – पच्चीस = (26 – 25)
चौबीस – तेईस = (24 – 23)
बाईस – इक्कीस = (22 – 21)
बीस – उन्नीस = (20 – 19)
अठारह – सत्रह = (18 – 17)
सोलह – पंद्रह = (16 – 15)
चौदह – तेरह = (14 – 13)
बारह – ग्यारह = (12 – 11)
दस – नौ = (10 – 9)
आठ – सात = (8 – 7)
छः – पांच = (6 – 5)
चार – तीन = (4 – 3)
दो – एक = (2 – 1)
उल्टी गिनती (reverse counting ,Back Counting) – सईया निन्यानवे
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