Mixed Operations On Vedic Arithmetic And Vedic Algebra

वैदिक बीजगणित तथा वैदिक अंकगणित के संयुक्त
संक्रिया (Mixed Operations On Vedic
Arithmetic And Vedic Algebra)

 

वैदिक बीजगणित तथा वैदिक अंकगणित के संयुक्त संक्रिया (Mixed Operations On Vedic
Arithmetic And Vedic Algebra)

वैदिक गणित (Vedic Ganit) में संयुक्त संक्रिया (Mixed Operations)  एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें
अंकगणितीय (Arithmetic) तथा बीजगणितीय (Algebraic) संकलन (Addition) , व्यवकलन
(Subtraction) , गुणन (Multiplication) तथा वर्ग (Square) इत्यादि के प्रश्नों को एक साथ हल करके कुछ
सेकंडों में उत्तर प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में मुख्य रूप से तीन सूत्रों का प्रयोग होता है।
प्रथम – द्वंद्वयोग (Duplex), द्वितीय – ऊर्ध्वतिर्यग्भ्याम् (Vertically and Crosswise) तथा तृतीय –
निखिलम् विधि (Nikhilam Method)
प्रथम (first) :-

द्वंद्व योग विधि द्वारा वर्ग (Square by Duplex Method)

यह विधि ऊर्ध्वतिर्यक (Vertically and Crosswise) सूत्र का ही एक अनुप्रयोग है।
(1) एक अंक का द्वंद्व योग (Duplex of One-digit No.)
a का द्वंद्व योग D(a) = a²
उदाहरण :-
3 का द्वंद्व योग D(3)= 2² = 4
4 का द्वंद्व योग D(4) = 4² = 16
(2) दो अंकों का द्वंद्व योग (Duplex of Two-digit No.)
ab का द्वंद्व योग D(ab) = 2(a × b)
उदाहरण :-
23 का द्वंद्व योग D(23)= 2 (2 × 3) = 12
34 का द्वंद्व योग D(34)= 2 (3×4) = 24
(3) तीन अंकों का द्वंद्व योग (Duplex of Three-digit No.)
abc का द्वंद्व योग D(abc) = 2(a × c) + b²

उदाहरण :-
123 का द्वंद्व योग D(123)= 2 (1 × 3) + 2² = 10
234 का द्वंद्व योग D(234)= 2 (2×4)+ 3² = 25
(4) चार अंकों का द्वंद्व योग (Duplex of Four-digit No.)
abcd का द्वंद्व योग D(abcd) = 2(ad) + 2(bc)
उदाहरण :-
1234 का द्वंद्व योग D(1234)= 2(1×4)+2(2×3) = 20
2345 का द्वंद्व योग D(2345)= 2(2×5)+2(3×4) = 44
संयुक्त संक्रिया (Mixed Operations) में
द्वंद्व योग विधि द्वारा वर्ग (Square by Duplex Method)
प्राप्त करना बहुत महत्वपूर्ण है। विशेष जानकारी के उपरोक्त लिंक का प्रयोग किया जा सकता है।

द्वितीय (Second) –

ऊर्ध्वतिर्यग्भ्याम् (Vertically and Crosswise) –
सूत्र ऊर्ध्वतिर्यग्भ्याम् दो शब्दों के मिलने से बना है प्रथम ऊर्ध्व (Vertically) अर्थात् ऊर्ध्वाधर या खड़े दुसरा
शब्द तिर्यक अर्थात् तिरछे (Crosswise) इस सूत्र के सहायता से हम किसी भी गुणन का गुणनफल मौखिक
रुप में दे सकते हैं जिस पर अन्य विधियों के तरह आधार (Base) इत्यादि की कोई सीमा नहीं होती है।
जिसका प्रयोग गणित के विभिन्न संक्रियाओं में किया जाता है।
इस सूत्र के प्रयोग द्वारा किसी भी परिस्थितियों में दो संख्याओं को गुणा  किया जा सकता है जैसे —
23 × 54, 123 × 211, (2p + 3) ( 3p + 5)
उदाहरण — (१)
25 × 54
हल –
2     3
×  5    4
– – – – – – – – – – – – –
12 /  4 / 2
(1) प्रथम स्तंभ का ऊर्ध्व गुणा
3
×  4
– – – – – – –
12
(2) प्रथम तथा द्वितीय स्तंभ का तिर्यक् गुणा करके प्राप्त गुणन फल का योग
2     3
×  5    4
– – – – – – – – – – – – – – –
( 2 × 4) + ( 3 × 5)

= 8 + 15
= 23
23 + अतिरिक्त अंक
23 + 1 = 24
(3) द्वितीय स्तंभ का ऊर्ध्व गुणा
2
×  5
– – – – – – – – –
10
10 + अतिरिक्त अंक
10 + 2 = 12
अंतिम बायें खण्ड में 12 पूरा का पूरा लिख दें।
अतः उत्तर = 1242
उदाहरण — (२)
123 × 211
हल —
1         2        3
×     2         1        1
– – – – – – – – – – – – – – – – – – – – – – – –
2  /  5 /  9 /  5 / 3
(1) प्रथम स्तंभ का ऊर्ध्व गुणा
3
×   1
– – – – – – – – – –
3
(2) प्रथम तथा द्वितीय स्तंभ का तिर्यक् गुणा करके प्राप्त गुणन फल का योग
2     3
×  1    1
– – – – – – – – – – – – – – –
( 2 × 1 ) + ( 3 × 1 )
=  2 + 3  =  5
(3) प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्तंभों में बाहर-बाहर के स्तंभों का तिर्यक् गुणा तथा मध्य स्तंभ का ऊर्ध्व गुणा
कर, प्राप्त गुणनफलों का योग।
1         2        3
×     2         1        1
– – – – – – – – – – – – – – – – – – – – – – – –
( 1 × 1) + ( 2 × 3) + ( 2 × 1)
= 1 + 6 + 2 = 9
(4) दायें से द्वितीय तथा तृतीय स्तंभों तिर्यक् गुणा करके प्राप्त गुणनफल का योग प्राप्त करें।
1    2
×  2    1
– – – – – – – – – – – – – – –
( 1 × 1 ) + ( 2 × 2 )
=  1 + 4  =  5
(5) दायें से तृतीय स्तंभ का ऊर्ध्व गुणा
1
×   2

– – – – – – – – – –
2
अतः उत्तर = 2 5 9 5 3
उदाहरण — (३)
(2p + 3) ( 3p + 5)
हल —
2p     +     3
×    3p     +     5
– – – – – – – – – – – – – – – – – – – – – –
(2p ×3p) + ( 2p ×5) + ( 3p × 3) + ( 3 × 5)
= 6p² + ( 10p + 9p) + 15
= 6p² + 19p + 150   ( Ans)
अतः हम कह सकते हैं कि ऊर्ध्वतिर्यग्भ्याम् सूत्र के माध्यम से हम संबंधित अंकगणितीय तथा बीजगणितीय
संक्रिया को जहाँ कुछ सेकंड में कर सकते हैं वही यह हमें जीवन में दक्षता तथा कार्यकुशलता भी प्रदान करती
है।
तृतीय (Third) :-

निखिलम् विधि (Nikhilam Method)

आधार के पास की संख्याओं की संक्रिया करने के लिए निखिलम् विधि का प्रयोग किया जाता है इस विधि को
विचलन विधि भी कहते हैं।
निखिल शब्द का अर्थ है आधार से कम या ज्यादा अर्थात् 97 अपने आधार 100 से 3 कम है अर्थात् 97 का
निखिल या ऋणात्मक विचलन (- 3) होगा उसी तरह 1005 अपने आधार 1000 से 5 अधिक है अतः 1005
का निखिल या धनात्मक विचलन (+5) होगा।
1) धनात्मक विचलन (Positive Deviation) :-
आधार से बड़ी संख्या में विचलन सदैव धनात्मक होता है जिसे धनात्मक चिन्हों के साथ लिखते हैं जैसे 12 में
(12 – 10) = (+2) विचलन, 104 में (104 – 100) = (+04) विचलन, 1012 में (1012 – 1000) = (+012)
विचलन इत्यादि
विचलन विधि का उदाहरण :-
उदाहरण ( ४)
12 × 13
यहाँ 12 आधार 10 से 2 बड़ा है तथा 13 आधार 10 से 3 बड़ा है
( 12 / + 2 ) × ( 13  / + 3 )
यहाँ उपरोक्त प्रश्न के उत्तर को दो पक्ष में विभक्त करेंगे बांया पक्ष तथा दांया पक्ष
दांया पक्ष – ( + 2 × + 3 = + 6 )
बांया पक्ष – ( 12 + 3 या 13 + 2 = 15)
अतः 12 × 13 = 15 6 ( उत्तर)
2) ऋणात्मक विचलन (Negative Deviation) :-
आधार से छोटी संख्या में विचलन सदैव ऋणात्मक होता है जिसे ऋणात्मक ( – ve) चिन्हों के साथ लिखते हैं

जैसे 8 में (10 – 8 ) = (— 2) विचलन, 96 में (100 – 96 ) = (— 04) विचलन, 988 में (1000 – 988 ) =
(—012) विचलन इत्यादि
ऋणात्मक विचलन के उदाहरण :-
उदाहरण ( ५ )
98 × 97
यहाँ 98 आधार 100 से 02 छोटा है तथा 97 आधार 100 से 03 छोटा है
( 98 / – 02 ) × ( 97  / – 03 )
यहाँ उपरोक्त प्रश्न के उत्तर को दो पक्ष में विभक्त करेंगे बांया पक्ष तथा दांया पक्ष
दांया पक्ष – ( – 02 × – 03 = +06 )
बांया पक्ष – ( 98 – 03 या 97 – 02 = 95)
अतः 98 × 97 = 9506 ( उत्तर)

गणित के संयुक्त संक्रिया का अभ्यास (Exercise of Mixed Operations)

मानस गणित (Manas Ganit) के प्रयास से हिंदी में वैदिक गणित (Vedic Ganit in Hindi), आधुनिक
गणित (Modern Mathematics), प्रतियोगी गणित (Competitive Mathematics) तथा प्राचीन भारतीय
गणित (Ancient Indian Mathematics) के बीच सामंजस्य स्थापित करते हुए गणितीय ज्ञान को सरल तथा
रोचक ढंग से प्रस्तुत करने के लिए कटीबद्ध है ।
वैदिक बीजगणित तथा वैदिक अंकगणित के संयुक्त संक्रिया (Mixed Operations On Vedic
Arithmetic And Vedic Algebra)
http://www.manasganit.com/Post/details/62–mixed-operations-on-vedic-arithmetic-and

Leave a Comment

error: Content is protected !!